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नेपाल जेल से रिहाई के बाद शोभराज को फ्रांस निर्वासित किया गया

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उच्चतम न्यायालय के आदेश के दो दिन बाद शोभराज (78) को काठमांडू की केंद्रीय जेल से शुक्रवार सुबह रिहा कर किया गया। उसे पुलिस की कड़ी सुरक्षा के बीच आव्रजन विभाग ले जाया गया। नेपाल के उच्चतम न्यायालय ने शोभराज को रिहा करने और वापस उसके गृह देश भेजने का दो दिन पहले आदेश दिया था।

भारतीय और वियतनामी मूल के कुख्यात फ्रांसीसी ‘सीरियल किलर’ चार्ल्स शोभराज को यहां की एक जेल से रिहा होने के कुछ घंटे बाद शुक्रवार को फ्रांस निर्वासित कर दिया गया।
उसने 1970 के दशक में एशिया भर में की गई कई हत्याओं के लिए अधिकांश सजा नेपाल की जेल में काटी।
उच्चतम न्यायालय के आदेश के दो दिन बाद शोभराज (78) को काठमांडू की केंद्रीय जेल से शुक्रवार सुबह रिहा कर किया गया। उसे पुलिस की कड़ी सुरक्षा के बीच आव्रजन विभाग ले जाया गया।
नेपाल के उच्चतम न्यायालय ने शोभराज को रिहा करने और वापस उसके गृह देश भेजने का दो दिन पहले आदेश दिया था।

नेपाल के आव्रजन विभाग और फ्रांसीसी दूतावास ने मिलकर शोभराज के यात्रा दस्तावेज तैयार किए।
शोभराज के वकीलों में शामिल सुदेश सुबेदी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि उसकी मां और बेटी उसके पेरिस पहुंचने का इंतजार कर रही है।
इस बीच, 1986 में गोवा से शोभराज को गिरफ्तार करने वाले मुंबई पुलिस के सेवानिवृत्त सहायक आयुक्त मधुकर जेंडे ने कहा कि हालांकि उनका मानना है कि शोभराज जैसे खूंखार अपराधियों को जीवन भर जेल से बाहर नहीं आना चाहिए, लेकिन आपराधिक न्याय प्रणाली का क्या सोचना है, उस पर विचार किया जाना महत्वपूर्ण है।

उसे 1976 में अपने एक साथी के साथ मिलकर नयी दिल्ली के एक होटल में इंजीनियरिंग के 30 से अधिक छात्रों को जहर देने की कोशिश करते समय गिरफ्तार किया गया था। बाद में पता चला कि उसने एक फ्रांसीसी पर्यटक की भी हत्या की है। उसे विभिन्न अपराधों के लिए तिहाड़ जेल में 12 साल कैद की सजा सुनाई गई, लेकिन 1986 में वह कड़ी सुरक्षा वाली जेल तोड़कर भाग गया और सुर्खियों में आया। उसे जल्द ही गोवा के ओ’कोकेरियो रेस्तरां से गिरफ्तार किया गया और फिर वह 1997 तक जेल में रहा।

गोवा के रेस्तरां से उसे गिरफ्तार करने वाले जेंडे ने ‘पीटीआई’ से एक साक्षात्कार में कहा कि शोभराज जैसे अपराधी समाज के लिए खतरनाक होते हैं और जेल से बाहर आने पर भी कई अपराधों को अंजाम दे सकते हैं।
जेंडे ने कहा कि शोभराज ने 40 से 42 महिलाओं की हत्या करने की बात स्वीकार की है और वह एक खूंखार अपराधी है, जो जेल से बाहर आने पर कुछ भी कर सकता है।
उन्होंने साथ ही कहा कि न्याय प्रणाली क्या सोचती है, वह अधिक महत्वपूर्ण है।

जेंडे ने कहा, ‘‘न्यायाधीश आम लोगों की तुलना में अधिक विद्वान हैं, यह उनका निर्णय है और उस पर टिप्पणी करना गलत है।’’
नेपाल के गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव और प्रवक्ता फनींद्र मणि पोखरेल ने कहा कि शोभराज अगले 10 वर्षों तक नेपाल में प्रवेश नहीं कर पाएगा।
‘द काठमांडू पोस्ट’ अखबार ने पोखरेल के हवाले से कहा, गृह मंत्रालय ने चार्ल्स शोभराज को निर्वासित कर दिया है और अगले दस साल के लिए नेपाल में उसके प्रवेश करने पर रोक लगा दी है।
शोभराज पहले कतर एअरवेज की उड़ान संख्या क्यूआर 647 से दोहा रवाना हुआ, जहां से वह पेरिस के लिए रवाना होगा।

इससे पहले, शोभराज के वकील गोपाल शिवकोटि चिंतन ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि शोभराज को फ्रांस निर्वासित करने के लिए त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे ले जाया गया।
यहां खबरों में दावा किया गया कि बाकी पूरी जिंदगी उसके नेपाल लौटने पर रोक रहेगी।
‘ऑनलाइन खबर नेपाल’ के एक समाचार में सरकारी अधिकारियों के हवाले से कहा गया कि अपने देश भेजे जाने के बाद शोभराज के यहां आने पर आजीवन पाबंदी रहेगी।
हालांकि, यहां मीडिया में जारी खबरों के अनुसार, शोभराज नेपाल में रहना चाहता था और उसने दस दिन तक इलाज के लिए गंगालाल अस्पताल में भर्ती कराने की गुहार लगाई थी।

उसकी 2017 में दिल की सर्जरी हुई थी।
उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को कारागार प्रबंधन प्राधिकार को कुख्यात हत्यारे को रिहा करने का और आव्रजन के माध्यम से 15 दिन के भीतर फ्रांस निर्वासित करने का निर्देश दिया था, जब तक वह किसी अन्य मामले में वांछित नहीं हो।
न्यायमूर्ति सपना प्रधान मल्ला और न्यायमूर्ति तिलक प्रसाद श्रेष्ठ की खंड पीठ ने सरकार को उसके फ्रांस निर्वासन का बंदोबस्त करने का निर्देश दिया था। अदालत ने कहा कि शोभराज को रिहा किया जाना चाहिए क्योंकि वह अपनी कारावास की 95 प्रतिशत सजा पूरी कर चुका है।

शोभराज को फ्रांस में निर्वासन बृहस्पतिवार को एक दिन के लिए टाल दिया गया था, क्योंकि आव्रजन अधिकारियों ने कुख्यात ‘सीरियल किलर’ के रहने का इंतजाम करने में अक्षमता जतायी है और उसका निर्वासन एक दिन के लिए स्थगित करने का अनुरोध किया था।
शोभराज का शिकार हुई कई महिलाएं अपनी हत्या के समय बिकनी पहने मिली थीं, इसलिए उसे ‘बिकनी किलर’ और कई बार जेल से भागने में सफल रहने के कारण ‘सांप’ (सर्पेंट) उपनाम दिया गया। वह 1975 में नेपाल में अमेरिकी महिला कॉनी जो ब्रोंजिक की हत्या के सिलसिले में 2003 से काठमांडू की जेल में उम्रकैद की सजा काट रहा था।

उसे 2014 में कनाडाई पर्यटक लॉरेंट कैरियर की हत्या का दोषी ठहराया गया और दूसरी उम्रकैद की सजा सुनाई गयी। नेपाल में उम्रकैद की सजा का मतलब 20 साल का कारावास है।
शोभराज ने एक याचिका दाखिल कर दावा किया था कि उसे जरूरत से अधिक समय तक जेल में रखा गया है। इसके बाद शीर्ष अदालत की खंडपीठ ने आदेश सुनाया।
जेल में 75 प्रतिशत सजा पूरी कर चुके और इस दौरान अच्छा चरित्र दर्शाने वाले कैदियों को रिहा करने का कानूनी प्रावधान है।

शोभराज ने अपनी याचिका के माध्यम से दावा किया था कि उसने नेपाल में वरिष्ठ नागरिकों को मिलने वाली छूट को देखते हुए जेल की सजा पूरी कर ली है।
उसने दावा किया कि वह अपनी 20 साल की सजा में से 19 साल जेल में रह चुका है और अच्छे व्यवहार के लिए उसकी रिहाई की सिफारिश की जा चुकी है।
शोभराज को अगस्त 2003 में काठमांडू के एक कैसिनो में देखा गया था और फिर उसे गिरफ्तार कर लिया गया था। उस पर मुकदमा चलाया गया और हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई गयी।

Disclaimer:प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।



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