क्रिप्टो एक्सचेंज CoinSwitch की ओर से इस मार्केट पर जारी एक रिपोर्ट में बताया गया है कि सबसे अधिक वैल्यू वाली क्रिप्टोकरेंसी Bitcoin देश में काफी लोकप्रिय है। बिटकॉइन में इस वर्ष भारी गिरावट आने के बावजूद लोग इसमें इनवेस्टमेंट कर रहे हैं। इसने पिछले वर्ष नवंबर में लगभग 68,000 डॉलर का हाई छुआ था। इसके बाद से इसके प्राइस में काफी गिरावट आई है। Gadgets 360 के क्रिप्टो प्राइस ट्रैकर के अनुसार, बिटकॉइन का इस रिपोर्ट को लिखे जाने पर प्राइस 16,816 डॉलर का था। दूसरी सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी Ether के साथ ही मीमकॉइन Dogecoin भी देश के क्रिप्टो इनवेस्टर्स के बीच लोकप्रिय है।
एनर्जी एफिशिएंट ‘Merge’ अपग्रेड के लॉन्च से इस ब्लॉकचेन से जुड़ी ट्रांजैक्शंस में तेजी आई है और एनर्जी की खपत में कमी हुई है। इस अपग्रेड में Ethereum के डिवेलपर्स ने इसके माइनिंग प्रोटोकॉल की प्रूफ-ऑफ-वर्क (PoW) सिस्टम से प्रूफ-ऑफ-स्टेक (PoS) पर दोबारा कोडिंग की है। इस ब्लॉकचेन पर 100 अरब डॉलर से अधिक के डीसेंट्रलाइज्ड फाइनेंस (DeFi) ऐप्स को सपोर्ट मिलता है और इस वजह से अपग्रेड को लेकर सतर्कता बरती गई है।
पिछले वर्ष क्रिप्टो का मार्केट कैपिटलाइजेशन 3 लाख करोड़ डॉलर से अधिक था, जो इस वर्ष घटकर लगभग 808 अरब डॉलर रह गया है। CoinSwitch का कहना है कि उसकी रिपोर्ट में यह भी बताने की कोशिश की गई है कि इन्फ्लेशन बढ़ने, मार्केट में गिरावट और Ethereum ब्लॉकचेन के अपग्रेड Merge जैसे बड़े इवेंट्स के बीच देश के क्रिप्टो इनवेस्टर्स ने किस तरह के वित्तीय फैसले किए हैं। पिछले सात वर्षों में बिटकॉइन खरीदने वाले लगभग तीन चौथाई लोगों को नुकसान उठाना पड़ा है। यह जानकारी बैंक ऑफ इंटरनेशनल सेटलमेंट्स के इकोनॉमिस्ट्स की ओर से पिछले सात वर्षों में लगभग 95 देशों के क्रिप्टोकरेंसी इनवेस्टर्स के डेटा की स्टडी से मिली है। इस अवधि में बिटकॉइन का प्राइस लगभग 250 डॉलर से बढ़कर पिछले वर्ष नवंबर में लगभग 68,000 डॉलर के उच्च स्तर पर पहुंचा था।
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