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मंत्रालय ने पंजाब राज्य बिजली निगम लिमिटेड (पीएसपीसीएल) को लिखे एक पत्र में कहा है कि रेल-जहाज-रेल माध्यम से कोयले का परिवहन अन्य परिवहन माध्यमों की तुलना में महंगा होने के बावजूद आयातित कोयले की तुलना में सस्ता ही बैठता है।
बिजली मंत्रालय ने पंजाब सरकार की इकाई पीएसपीसीएल को अपनी घरेलू कोयला जरूरत का 15-20 प्रतिशत रेल-जहाज-रेल माध्यम से उठाना शुरू करने को कहा है।
मंत्रालय ने पंजाब राज्य बिजली निगम लिमिटेड (पीएसपीसीएल) को लिखे एक पत्र में कहा है कि रेल-जहाज-रेल माध्यम से कोयले का परिवहन अन्य परिवहन माध्यमों की तुलना में महंगा होने के बावजूद आयातित कोयले की तुलना में सस्ता ही बैठता है।
मंत्रालय के मुताबिक, बिजली सचिव की अध्यक्षता में इस मुद्दे पर हुई राज्यों एवं बिजली उत्पादक कंपनियों की बैठक में चर्चा की गई थी जिसमें पीएसपीसीएल के प्रतिनिधि भी मौजूद थे।
इसमें यह तय किया गया था कि जनवरी, 2023 से एनटीपीसी एवं सभी राज्य बिजली कंपनियां कोयले का लदान रेल-जहाज-रेल मार्ग से करें।
इस फैसले के अनुरूप केंद्र और राज्य सरकारों की बिजली उत्पादक कंपनियों को अपने कुल घरेलू कोयला जरूरतों का 15-20 प्रतिशत परिवहन रेल-जहाज-रेल मार्ग से ही करने का सुझाव दिया गया है।
इस संदर्भ में पंजाब की बिजली उत्पादक कंपनी को कहा है कि वह अपनी घरेलू कोयला जरूरत का 15-20 प्रतिशत उठाव रेल-जहाज-रेल माध्यम से शुरू करे।
Disclaimer:प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।
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